राजा नागभट्ट रघुवंशी प्रतिहार द्वितीय (793-833 ई.)
भोज की ग्वालियर प्रशस्ति में लिखा है कि नागभट्ट ने अरब के मुसलमानों को हराया था। इतिहासकारों का विश्लेषण है कि शायद उसने खलीफा मामून के किसी सेनापति को हराया होगा जिसमें शाकम्भरी के चौहान राजा गुवक प्रथम, चित्तौड़ के खुम्माण गुहिल द्वितीय ने सहायता दी थी ।
(सल्तनत काल में हिन्दू प्रतिरोध - डॉ. अशोक कुमार सिंह, बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय वाराणसी की पीएच.डी. हेतु स्वीकृत शोध ग्रंथ, पृष्ठ 20)
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