सम्राट मिहिरभोज जयंती कन्नौज ---
आज 18 अक्टूबर को कन्नौज (उ.प्र.)में अखिल भारतीय क्षत्रिय महासभा कन्नौज के तत्वावधान में क्षत्रिय समाज ने अपने पूर्वज क्षत्रिय शिरोमणि महान चक्रवर्ती सम्राट मिहिरभोज प्रतिहार की जयंती के अवसर पर रैली निकालकर सर्वसमाज को उनके शौर्य की गाथा बताई गई।
कार्यक्रम में मिहिरभोज जी के इतिहास पर भी चर्चा हुई। इनके इतिहास की जानकारी देते हुए बताया गया की ये कन्नौज मे 836 से 885 ईस्वी तक शासन किया था ये परिहार क्षत्रिय वंश के महान सम्राट थे। इन्होने 9 वीं शताब्दी में हो रहे अरब आक्रमणों को विफल किया एवं 40 युद्ध कर सनातन धर्म की रक्षा की एवं राजपूत समुदाय का नाम उंचा किया।
इनका ऐसा खौफ था की अरब के प्रसिद्ध इतिहासकार सुलेमान ने अपने ग्रंथ सिलसिला-उत- तावरीख पर मिहिरभोज के पराक्रम के बारे मे लिखा है की भारत में मिहिरभोज से बडा इस्लाम का शत्रु कोई नही है।
इस जयंती पर और भी अहम मुद्दों पर भी चर्चा हुई एवं आगामी जयंती को ज्यादा से ज्यादा भव्य बनाने के लिए सबकी सहमति हुई ।
इस कार्यक्रम को सफल बनाने में मुख्य रुप से युवाओं का भी बडा योगदान रहा जिसमे दीपक सिंह परिहार, मनोज सिंह परिहार सुमित सिंह चौहान, लवकेश सिंह परिहार, अर्जुन सिंह राठौर, कमल सिंह परिहार, राघवेंद्र सिंह राठौर, सुलभ सिंह परिहार, नितेश सिंह तोमर, अजय सिंह परिहार, राकेश सिंह चौहान, मनीष सिंह परिहार, रणविजय सिंह परिहार , विनय सिंह, सुरेंद्र सिंह परमार, सुधीर सिंह कलहंस, शंकर सिंह परिहार, नवीन सिंह परिहार, आदित्य सिंह राघव, अभिजीत सिंह परिहार आदि सैकडो युवाओं के साथ हजारो संख्या में लोगों ने इस रैली को ऐतिहासिक रुप दिया।
आज 18 अक्टूबर को कन्नौज (उ.प्र.)में अखिल भारतीय क्षत्रिय महासभा कन्नौज के तत्वावधान में क्षत्रिय समाज ने अपने पूर्वज क्षत्रिय शिरोमणि महान चक्रवर्ती सम्राट मिहिरभोज प्रतिहार की जयंती के अवसर पर रैली निकालकर सर्वसमाज को उनके शौर्य की गाथा बताई गई।
कार्यक्रम में मिहिरभोज जी के इतिहास पर भी चर्चा हुई। इनके इतिहास की जानकारी देते हुए बताया गया की ये कन्नौज मे 836 से 885 ईस्वी तक शासन किया था ये परिहार क्षत्रिय वंश के महान सम्राट थे। इन्होने 9 वीं शताब्दी में हो रहे अरब आक्रमणों को विफल किया एवं 40 युद्ध कर सनातन धर्म की रक्षा की एवं राजपूत समुदाय का नाम उंचा किया।
इनका ऐसा खौफ था की अरब के प्रसिद्ध इतिहासकार सुलेमान ने अपने ग्रंथ सिलसिला-उत- तावरीख पर मिहिरभोज के पराक्रम के बारे मे लिखा है की भारत में मिहिरभोज से बडा इस्लाम का शत्रु कोई नही है।
इस जयंती पर और भी अहम मुद्दों पर भी चर्चा हुई एवं आगामी जयंती को ज्यादा से ज्यादा भव्य बनाने के लिए सबकी सहमति हुई ।
इस कार्यक्रम को सफल बनाने में मुख्य रुप से युवाओं का भी बडा योगदान रहा जिसमे दीपक सिंह परिहार, मनोज सिंह परिहार सुमित सिंह चौहान, लवकेश सिंह परिहार, अर्जुन सिंह राठौर, कमल सिंह परिहार, राघवेंद्र सिंह राठौर, सुलभ सिंह परिहार, नितेश सिंह तोमर, अजय सिंह परिहार, राकेश सिंह चौहान, मनीष सिंह परिहार, रणविजय सिंह परिहार , विनय सिंह, सुरेंद्र सिंह परमार, सुधीर सिंह कलहंस, शंकर सिंह परिहार, नवीन सिंह परिहार, आदित्य सिंह राघव, अभिजीत सिंह परिहार आदि सैकडो युवाओं के साथ हजारो संख्या में लोगों ने इस रैली को ऐतिहासिक रुप दिया।
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