रामप्रसाद बिस्मिल तंवर राजपूत
जिनका बिना शोध किये लेखको ने ब्राह्मण बना डाला !
इनका नाम रामप्रसाद सिंह था इनके दादा नारायण सिंह तंवर मुरेना जिले के रूअर बरवाई गांव से थे !
इनके पिता मुरली सिंह का विवाह जोधपुरा गांव जिला आगरा के परिहारो के यहा हुवा !
बिस्मिल की बहिन शास्त्री देवी उतम नगर दिल्ली में रहती है जो कौशिमा मैनपुरी के जादवो को ब्याही थी !
बिस्मिल का भानजा हरिशचंदर सिंह उतम नगर दिल्ली में रहता है !
संकटकाल में नारायण सिंह जी ने गांव छोड़ दिया !
और नारायणदत नाम से मंदिर में रहने लगे !
इसी समय जलियावाला बाग हत्या कांड हुवा तब रामप्रसाद सिंह ने एक शेर लिखा ......!
" ये फ़क्त इस जुर्म से तुझको गाफिल क्या मिला।
नीम ' बिस्मिल ' छोड़ने से तुझको हासिल क्या मिला।"
इसी समय रामप्रसाद सिंह बिस्मिल के नाम से जाने-जाने लगे !
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