राजा मानसिंह आमेर - बिहार के गवर्नर के रुप में
मार्च 1590 में मानसिंह पटना लौट गये । जल्दी वह बिहार प्रान्त में गया जिले के अनन्त चेरोस (द्रविड़) के विरूद्ध रवाना हुवे । और उन्हें नियंत्रण में किया ।
ज्ञात रहे चेरोस द्रविडियन लोग थे जो राजभान कबीले से अलग हो गये थे । वे एक समय बिहार में बङा वर्चस्व रखते थे । इन्हें उज्जैनियों ने बाहर निकाला तो वे दक्षिण की ओर भाग गये । अब वे बिहार के पलामू जिले में पाये जाते है ।
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मार्च 1590 में मानसिंह पटना लौट गये । जल्दी वह बिहार प्रान्त में गया जिले के अनन्त चेरोस (द्रविड़) के विरूद्ध रवाना हुवे । और उन्हें नियंत्रण में किया ।
ज्ञात रहे चेरोस द्रविडियन लोग थे जो राजभान कबीले से अलग हो गये थे । वे एक समय बिहार में बङा वर्चस्व रखते थे । इन्हें उज्जैनियों ने बाहर निकाला तो वे दक्षिण की ओर भाग गये । अब वे बिहार के पलामू जिले में पाये जाते है ।
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मानसिंह जी ने शंभुपुर (गया जिला) के सैयदों को भी पराजित किया । स्थानीय परम्परा इस बात की पुष्टि करती है कि इस बस्ति के मुस्लिम सेनानायक और मानसिंह के बीच भयंकर लङाई हुई जिनमें वह परास्त हुवै ।
जयपुर वंशावली का कथन है कि राजा मानसिंह ने फाल्गु नदी के उस पार में एक नये नगर की स्थापना की और इसका नाम "मानपुर" रखा ।।
कछवाहा फौजौ और शंभुपुरी के मुस्लिम सेनानायक के बीच हुई लङाई की कहानी की पुष्टि परिस्थितिजन्य प्रमाणों से भी होती है । सैयदी जैसा कि उसके नाम से ही प्रकट है, पठान थे । गया और उसका सिमान्त प्रदेश पठानो का संरक्षित एवं सुदृढ़ प्रदेश और उनको दबाने के लिये मानसिंह स्वयं गये ।।
सनातन धर्म रक्षक राजा मानसिंह आमेर स्मृति समारोह 29 जनवरी 2017, राजपूत सभा भवन जयपुर
कार्य योजना मिटिंग
27 नवम्बर 2016,
राजपूत सभा भवन जयपुर
दोपहर 1 बजे से ।।
निवेदक - इतिहास शुद्धिकरण अभियान
जयपुर वंशावली का कथन है कि राजा मानसिंह ने फाल्गु नदी के उस पार में एक नये नगर की स्थापना की और इसका नाम "मानपुर" रखा ।।
कछवाहा फौजौ और शंभुपुरी के मुस्लिम सेनानायक के बीच हुई लङाई की कहानी की पुष्टि परिस्थितिजन्य प्रमाणों से भी होती है । सैयदी जैसा कि उसके नाम से ही प्रकट है, पठान थे । गया और उसका सिमान्त प्रदेश पठानो का संरक्षित एवं सुदृढ़ प्रदेश और उनको दबाने के लिये मानसिंह स्वयं गये ।।
सनातन धर्म रक्षक राजा मानसिंह आमेर स्मृति समारोह 29 जनवरी 2017, राजपूत सभा भवन जयपुर
कार्य योजना मिटिंग
27 नवम्बर 2016,
राजपूत सभा भवन जयपुर
दोपहर 1 बजे से ।।
निवेदक - इतिहास शुद्धिकरण अभियान
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