क्षात्र धर्म
कुटम कबिलौ आपरौ, सह पालै संसार !
भड बालै करतब तणों, क्षात्र धर्म बलिहार !!
अपने परिवार का पालन पोषण तो सारा संसार ही करता है,
परन्तु वीर तो कर्तव्य की वेदी पर अपने परिवार को भी झोंक देता है,
निश्चय ही हम इस क्षात्र धर्म पर बलिहारी है !!
स्व. आयुवान सिंह शेखावत !!
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