हाथ जोड़ चाहूँ नृपति, लोह-वाह रिधरंग,
मारुँ खेत नबाब को, तो कहिये सुखसिंघ ।।
मारुँ खेत नबाब को, तो कहिये सुखसिंघ ।।
जनमानस के विरोधी, अंग्रेजों का कृपापात्र, रीजेंसी कौंसिल के अध्यक्ष व मारवाड़ के प्रधानमंत्री पंडित सर सुखदेवप्रसाद काक। जब भी हम राजतंत्र के...
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