ग्राण्ट नामक अंग्रेज लिखता है -
मैंने भारत में कई युद्ध देखं और कई बहादुरों को द्रढ़ता से लङते देखा ।
किन्तु राजपुत जमींदारों के रण-कौशल से बढकर कोई युद्ध नहीं देखा ।।
नोट - बिहार बैशवारा के राव बेनी सिंह जी से हुवे 23 जुन 1857 नवाबगंज ( लखनऊ ) के युद्ध के बाद का कथन है ।।
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