सवाई सिंह धमोरा क्षत्रिय युवक संघ के आधार स्तम्भ:-
वही भू स्वामी आंदोलन के लिए दो दल बनाये गए थे जिनमें एक भू स्वामी संघटन और दूसरे में क्षत्रिय युवक संघ के चुने हुए स्वयं सेवकों का क्षत्रिय युवक संघ से सिर्फ सवाई सिंह जी धमोरा ही थे जिन्हें सिर्फ गिरफ्तार होने के निर्देश दिए गए थे ।
भू स्वामी आंदोलन में सबसे ज्यादा जेल में धमोरा साहब रहे और।
प्रधानमंत्री के हस्तक्षेप से सभी मांगे मान कर आंदोलन समाप्त हुआ लेकिन सवाई सिंह जी, तन सिंह जी और आयुवान सिंह जी को जेल से रिहा नही किया गया था।
हाई कोर्ट से तन सिंह जी के रिहाई के आदेश हो गए।
जेल में सवाई सिंह जी और आयुवान सिंह जी रहा गए।
जब मोहर सिंह जी लाखाउ ने देखा कि सरकार की मंशा इनको छोड़ने की नहीं है, तो उन्होंने कार्रवाई की और अंत में ये दोनों 13 अगस्त 1956 को जेल से रिहा कर दिए गए।
इस प्रकार ये आंदोलन समाप्त हुआ।
क्षत्रिय युवक संघ के हर एक निर्देश को हमेशा सर्वोपरि माना, हमेशा समाज हित के अलावा खुद का निज हित नही देखा।
धमोरा साहब के योगदान को शब्दों में बयां नही किया जा सकता ।।
भूस्वामी आंदोलन का नतीजा सभी लोगो की अथक मेहनत का परिणाम था।
1949 में हुए चौपासनी आंदोलन में सवाई सिंह जी धमोरा के नेतृत्व में 109 लोगो के जत्थे ने गिरफ्तारियां दी।
भू स्वामी आंदोलन में सबसे ज्यादा जेल में धमोरा साहब रहे और।
प्रधानमंत्री के हस्तक्षेप से सभी मांगे मान कर आंदोलन समाप्त हुआ लेकिन सवाई सिंह जी, तन सिंह जी और आयुवान सिंह जी को जेल से रिहा नही किया गया था।
हाई कोर्ट से तन सिंह जी के रिहाई के आदेश हो गए।
जेल में सवाई सिंह जी और आयुवान सिंह जी रहा गए।
जब मोहर सिंह जी लाखाउ ने देखा कि सरकार की मंशा इनको छोड़ने की नहीं है, तो उन्होंने कार्रवाई की और अंत में ये दोनों 13 अगस्त 1956 को जेल से रिहा कर दिए गए।
इस प्रकार ये आंदोलन समाप्त हुआ।
क्षत्रिय युवक संघ के हर एक निर्देश को हमेशा सर्वोपरि माना, हमेशा समाज हित के अलावा खुद का निज हित नही देखा।
धमोरा साहब के योगदान को शब्दों में बयां नही किया जा सकता ।।
भूस्वामी आंदोलन का नतीजा सभी लोगो की अथक मेहनत का परिणाम था।
शत शत नमन
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