Friday 6 July 2018

डोर राजपूतों के द्वारा कोल अलीगढ़ में देश धर्म रक्षा युद्ध

डोर राजपूतों के द्वारा कोल अलीगढ़ में देश धर्म रक्षा युद्ध



कोल अलीगढ़ का देश धर्म रक्षा युद्ध (1194 ई.) - डोर राजपूतों का कोल अलीगढ़ दुर्ग भी भारत के प्रसिद्ध दुर्गों में से था । देश भर में राजपूतो के त्याग, बलिदान, शौर्ये कि सुनने पढ़ने को मिलती है लेकिन हजारों धर्म युद्ध ऐसे भी है जिनकी चर्चा वामपंथी इतिहासकार नहीं करते, ना ही पाठ्यक्रम में इन युद्धों कि जानकारी है, आजाद भारत में लोकतांत्रिक सरकारे भी इस तरफ कभी ध्यान नहीं देती । इतिहासकार राजेंद्र सिंह राठौड़ बीदासर ने अपनी पुस्तक राजपूतों की गौरवगाथा में ऐसे सभी धर्म युद्धों और राजपूत काल में हुवे अरब आक्रमण और राजपूतों कि विजय और संघर्ष के बारे में लिखा है ।

जब कुतुबुद्दीन एबक ने 1994 ई. डोर राजपूतों के कोल अलीगढ़ दुर्ग पर आक्रमण किया पहले उसका घेरा डाला और जो युद्ध हुआ उसमें बहुत से मुसलमान मारे गए जिनकी कड़ें आज भी बलाई किले में दिल्ली दरवाजे से भन्ज मुहल्ले तक बनी हुई है। इस युद्ध में मुसलमान सफल हुए और उन्होने दुर्ग पर अधिकार कर लिया । जिन लोगों ने इस्लाम स्वीकार किया उनको छोड़ बाकी को मार डाला गया । यहां एबक को बहुत धन-माल और हजार घोड़े प्राप्त हुए। लेकिन राजपूतों का धर्म रक्षा के लिए संघर्ष अमर हो गया । (सल्तनत काल में हिन्दु प्रतिरोध-डॉ. अशोक कुमार सिंह, बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय वाराणसी की पीएच.डी. हेतु स्वीकृत शोध ग्रंथ, पृष्ठ 123)

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