पंजाब के खोखर राजपूतों द्वारा देश रक्षा (1008 ई)
राजा आनन्दपाल शाही की सहायता महमूद गजनवी का चौथा आक्रमण -
काबुल अफगानिस्तान में राजा कल्लर ने 850 ई. में शाहीवंश की शुरूआत की थी । 870 ई. में मुसलमान तुर्क याकूब ने धोखे से काबुल जीत लिया था जिसके बाद शाही वंश की राजधानी उदभण्डपुर को बनाया गया। वहां कल्लर के बाद कमलुक, भीम, जयपाल राजा हुए जिन्होंने लगातार मुसलमानों से युद्ध किया ।
जयपाल के बाद आनन्दपाल राजा हुआ जिसके समय में महमूद गजनी ने भारत पर चौथा हमला किया। इस अवसर पर पंजाब के 30 हजार खोखर राजपूतों ने राजा आनन्दपाल की सहायता की थी । पहले हमले में महमूद ने 6 हजार तीरंजाद लगाए परन्तु बहादुर खोखरों ने देखते ही देखते 5 हजार मुसलमानों को मार गिराया । इस समय फरिश्ता लिखता है कि देश धर्म की रक्षा के लिए हिन्दू स्त्रियों ने अपने गहने और सोना बेच कर देश रक्षा की थी।
भारत के विरूद्ध इस युद्ध में अरब, तुर्क, अफगान और खिलजी मुसलमान लड़े। राजा आनन्दपाल के हाथी की नफथा की चोट लगी जिससे वह घायल होकर भाग । यह देख भारतीय सेना भी भागने लगी जिसका मुसलमानों ने पीछा किया और 20 हजार हिन्दुओं को मार गिराया और महमूद जीत गया ।
(सल्तनत काल में हिन्दू प्रतिरोध - डॉ. अशोक कुमार सिंह, बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय वाराणसी की पीएच.डी. हेतु स्वीकृत शोध ग्रंथ, पृष्ठ 46)
अच्छी जानकारी दी हुकुम।।
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