Sunday 7 May 2017

राजा अजीत सिंह जी

मै कल स्वामी विवेकानंद जी का अमेरिका से राजा अजीत सिंह जी को लिखा पत्र पढ़ रहा था जिसमे उन्होंने लिखा क्षत्रिय इस देश की अस्थि व मज्जा है, क्षत्रिय कमजोर हुए तो भारत भी कमजोर हुआ। आज राजस्थानी के मानेता साहित्यकार कवि श्री उदयराज जी ऊज्ज्वल का एक दोहा पढ़ा जो कुछ इसी भाव का है। -

रहणा चुप नाही रजपूतो, धारो कुळ मारग अवधूतो !
पोखो अब तो मात सपूतो , मिलसी देस न तो सहभूतो !!
हे ! राजपूतो अब चुप रहने का वक्त गया। अपने कुळ धर्म को धारण करो हे ! अवधूतो। 
हे मातृभूमि के सपूतो इस देश की रक्षा करो, नही तो यह देश गर्त में मिल जायेगा।

No comments

Post a Comment