Friday 4 November 2016

कुँवर मानसिंह का काबुल से स्थानान्तरण का कारण

कुँवर मानसिंह का काबुल से स्थानान्तरण का कारण

मार्च 1587 में कुँवर मानसिंह को काबुल से वापस बुला लिया गया । बदायुनी एवं निजामुद्दीन मानसिंह को वापस बुलाने के तथ्य का उल्लेख करते है पर उसका कोई कारण नही बताते, अबुल फज्ल अवश्य इसका कारण बताता है उसका कथन है "जैसा कि प्रतीत हुआ कि राजपूत सैनिक उस देश की प्रजा के साथ अन्यायपूर्ण व्यवहार करते हैं और मानसिंह पीङितों की पुकार नहीं सुनता है और इस ठण्डे मुल्क को वह पसंद नही करता है ।

अबुल फज्ल लिखता है कि राजा मानसिंह को काबुल से हटाने का कारण राजपूतों ने काबुल के मुस्लिम समुदाय के साथ दुर्व्यवहार किया और राजा मानसिंह ने पिङितों कि गुहार अनसुनी कर दी ।
अतः कारण स्पष्ट है कि राजा मानसिंह आमेर के काबुल अभियान व विजय से मुस्लिम सेनापति व आम मुस्लिम खुश नही थे ओर उन्होंने दबाव बनाया कि राजा मानसिंह आमेर इस्लामीकरण में सबसे बङी बाधा है उन्हें काबुल से हटाया जाये ।

अफगान लोगों के मन में हिन्दुस्तानी राजपूतों के प्रति एक ओर विरोध की भावना रही हैं । अभिमानी अफगान लोगों को काबुल में राजपूतों की उपस्थिति अपमानजनक प्रतीत होती थी और वे राजपूतों की अधीनता में क्रोध से उबाल खा रहे थे । कछवाहा राजपूत उनके सरदारों एवं सामान्यजनों की आँखों में काँटो की तरह चुभ रहे थे ।


अकबर काबुल प्रांत के अफगानों की मन की भावना जानता था । इसके अतिरिक्त अफगानिस्तान में मानसिंह का काम अब समाप्त हो चुका था । मानसिंह के गवर्नर रहते समय विद्रोही अफगानो को पूर्वरुप से पददलित कर दिया गया था । इसके अलावा आदतन विद्रोही अफगानी कबीले जो सुदूर उत्तर-पश्चिमी भागों में रहते थे जैसे-"युसुफजाई" और "रोशनिया" कुछ समय के लिये कुचल दिये गये थे, अतः कुँवर को काबुल में रखने की अब कोई आवश्यकता नहीं थी ।

साभार पुस्तक- राजा मानसिंह आमेर
लेखक - राजीव नयन प्रसाद

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