राजा मानसिंह आमेर
ये लाल किले ये मोती मस्जिद हाय-हाय क्या सुना रही ।
काबुल मे जाकर के देखो कबरे अब भी सिसक रही ।।
काबुल मे जाकर के देखो कबरे अब भी सिसक रही ।।
राजा मान सिंह आमेर एक अपराजित योद्धा थे, इन्होंने 77 बड़े युद्ध लङे थे ।
उतर भारत मे ये जहाँ भी युद्ध करने गए उस राज्य को जीता, अगर वहाँ का शासक हिन्दू था तो उससे अधिनता स्वीकार करवा कर, कर वसूल कर छोड़ दिया उसे नष्ट नही किया । जहाँ मुस्लिम थे उनका राज्य छीन कर विश्वासी राजपूत को सौंप दिया ।।
उतर भारत मे ये जहाँ भी युद्ध करने गए उस राज्य को जीता, अगर वहाँ का शासक हिन्दू था तो उससे अधिनता स्वीकार करवा कर, कर वसूल कर छोड़ दिया उसे नष्ट नही किया । जहाँ मुस्लिम थे उनका राज्य छीन कर विश्वासी राजपूत को सौंप दिया ।।
जिसका उदाहरण आज भी बिहार, उङीसा, बंगाल मे बहुत से राजपूत है जो उनके काल मे राजस्थान से गए ।
ना उन्होंने प्रताप से हुवे युद्धों के बाद मेवाड़ को लुटा ना लुटने दिया ।
ना उन्होंने प्रताप से हुवे युद्धों के बाद मेवाड़ को लुटा ना लुटने दिया ।
मान सिंह धर्म के अनुयायी थे उन्होंने वृन्दावन मे गोविन्ददेव जी का मन्दिर बनवाया ।
आमेर मे जगत शिरोमणि जी का विशाल मन्दिर बनवाया ।
आमेर मे जगत शिरोमणि जी का विशाल मन्दिर बनवाया ।
मानसिंह आमेर का स्वर्णवास दक्षिण के इलिचपुर मे ई. स. 1614 को हुआ ।
अफगानिस्तान मे पाँच मुस्लिम राज्य थे, जहाँ पर भारी मात्रा मे आधुनिक शस्त्रों का उत्पादन किया जाता था ।
वे भारत पर आक्रमण करने वाले आक्रान्ताओं को शस्त्र प्रदान करते थे, बदले मे भारत से लुटे धन का आधा भाग लेते थे ।
ऐसी स्थिति मे राजा मान सिंह आमेर ने अकबर से सन्धि कर काबुल स्थिति उन पाँच राज्यों को तहस-नहस किया । काबुल मे राजा मान के नाम से पठानो मे इतनी दहशत फैली कि स्त्रियाँ अपने बच्चों से कहती सो जा बेटा नही तो सरदार मान सिंह आ जायेंगे ।
वे भारत पर आक्रमण करने वाले आक्रान्ताओं को शस्त्र प्रदान करते थे, बदले मे भारत से लुटे धन का आधा भाग लेते थे ।
ऐसी स्थिति मे राजा मान सिंह आमेर ने अकबर से सन्धि कर काबुल स्थिति उन पाँच राज्यों को तहस-नहस किया । काबुल मे राजा मान के नाम से पठानो मे इतनी दहशत फैली कि स्त्रियाँ अपने बच्चों से कहती सो जा बेटा नही तो सरदार मान सिंह आ जायेंगे ।
मान सिंह ने वहाँ तमाम अस्त्र-शस्त्र के कारखानों को नष्ट कर दिया, और श्रेष्ठतम हथियार बनाने वाली मशीनों व कारीगरों को वहाँ से लाकर जयगढ़ मे शस्त्र कारखाना स्थापित करवाया ।
इस कार्यवाही के परिणाम स्वरूप ही भारत पर यवन आक्रमण बन्द हुवे । और बचे-खुचे हिन्दू राज्यों को भारत मे अपनी शक्ति एकत्र करने का अवसर मिला ।
इस कार्यवाही के परिणाम स्वरूप ही भारत पर यवन आक्रमण बन्द हुवे । और बचे-खुचे हिन्दू राज्यों को भारत मे अपनी शक्ति एकत्र करने का अवसर मिला ।
मान सिंह के लिये लोगों के जबान से सुनाई देता था-
"माई एङौ पूत जण, जैङो मान मरद ।
समदर खाण्डो पखारियो, काबुल पाङी हद
समदर खाण्डो पखारियो, काबुल पाङी हद
No comments
Post a Comment