Wednesday 9 September 2015

रामदास

रामदास:-


विप्र बचावण कारणे, बजे जुंझारू ढोल !
चढ़ चांदा रा पाटवी, बंधी जाय निबोल !

रामदास तद रामभज, चढ़िया तुरका लार !
तुरका रा तुन्डल करे, विप्र छुडावणा  सार !!

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